और सोचने पर मजबूर कर दिया , "क्या मैं इस दिन को भूल गया ?" और सोचने पर मजबूर कर दिया , "क्या मैं इस दिन को भूल गया ?"
आओ इसका सम्मान करें, माता सी मान है हिंदी। आओ इसका सम्मान करें, माता सी मान है हिंदी।
हिन्दी दिवस आज आया ,सरे हिन्द परचम लहराया! हिन्दी दिवस आज आया ,सरे हिन्द परचम लहराया!
हरदम हमने ही सहा है, सबकी हर मनमानी। हिन्द देश में ही अब हिन्दी बन गई बेगानी॥ हरदम हमने ही सहा है, सबकी हर मनमानी। हिन्द देश में ही अब हिन्दी बन गई बेगानी॥
जैसे माँ-बहनों को शोभित करती माथे की बिंदी। जैसे माँ-बहनों को शोभित करती माथे की बिंदी।
कहने को कुछ हजार वर्ष पुराना हिन्दी का स्वर्णिम इतिहास है! कहने को कुछ हजार वर्ष पुराना हिन्दी का स्वर्णिम इतिहास है!